पंजाब के नाभा ज़िले में स्वाइन फ्लू की दस्तक ,जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण , कारण और बचाव !!!!
स्वाइन फ्लू ( Swine Flu ) एक प्रकार का वायरल बुखार है जो वायरस से फैलता है। स्वाइन इन्फ्लून्जा एक संक्रात्मिक सांस का रोग है जो सिर्फ केवल सूअरों में ही पाया जाता है, पर अब इसका असर मनुष्यों में देखा जा रहा है। स्वाइन फ्लू वायरस चार प्रकार के वायरस के संयोजन के कारण होता है। सन 2009 में इसका पहला प्रभाव मेक्सिको सिटी में देखने को मिला था। WHO की माने तो इन्फ्लुएंजा के नए स्ट्रेन जिसे एन्फ्लूएंजा A (H1N1) कहा जाता है अब मनुष्यों में बड़ी तेज़ी के साथ फ़ैल रहा है।
स्वाइन फ्लू के लक्ष्ण क्या है
- भूख न लगना
- उलटी का होना
- ठंड लगना
- बुखार
- खाँसी
- सिरदर्द
- कमज़ोरी
- थकान
- गले में खराश
- बदन दर्द
- जोड़ों में दर्द
- नाक का बहना
स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करे
- मास्क पहने।
- हाथों को बार बार धोना चाहिए।
- गुड क्वालिटी के Sainitizer का इस्तेमाल।
- खाँसी आने पर tissue पेपर का इस्तेमाल ज़्यादा करे और फिर उसे फेंक दे।
- अपने आस पास सफाई का ध्यान रखे।
- ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जल्दी चली जाती है इसलिए किसे भी बीमार व्यक्ति से हाथ मिलाने से परहेज करे।
- नाक को ढक कर ही रखे।
ये तो थे स्वाइन फ्लू के लक्ष्ण और बचाव पर आयुर्वेदा में ऐसे भी नयाब नुस्खे और जड़ी बूटियां है जिनके रोज़ के इस्तेमाल से इस बीमारी को होने से रोका जा सकता है।
स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करे
- नीलगिरि और इलायची के तेल की एक या दो बूँद रुमाल पर डालकर नाक पर रखनी चाहिए इस से कोई भी इन्फेक्शन नहीं होता|
- दही, आइसक्रीम और फ़्रीजेड फ़ूड खाने से परहेज करे जिस से जुकाम या खाँसी जल्दी होती है|
- आयुर्वेदा में कपूर के प्रयोग को भी सही बताया गया है।
- हल्दी, नमक को उबाल कर उस पानी से गरारे करने चाहिए।
- हमेशा गर्म पानी से ही हाथ पैर धोने चाहिए।
- अदरक तुलसी को पीस कर शहद के साथ सुबह खाली पेट चाटना चाहिए।
- रोज़ाना तुलसी के पत्तों का सेवन गले और फेफड़े साफ़ रखता है।
- गिलोय को तुलसी के पत्तों के साथ उबालकर काली मिर्च, काला नमक, सेंधा नमक, और मिश्री मिलाकर सेवन करे|
- नीम की पत्तियों को चबाने से भी खून साफ़ रहता है और स्वाइन फ्लू के प्रभाव को कम करता है|
- प्राणायाम करे ये आपको सभी बिमारियों से दूर रखता है|
बीमारी चाहे कोई भी हो अगर आप नेचर के साथ जुड़े हुए है तो आपका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत रहता है। कोई भी बीमारी आप को छू भी नहीं पाती| प्रकृति के साथ जुड़िये आयुर्वेदा को अपनाये। इसकी शुरुआत आज से ही करिये। अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो शेयर करना न भूले।